ज्योतिष

सीता नवमी आज, ऐसे करें श्री जानकी स्तुति का पाठ

नई दिल्ली : हिंदू धर्म के लिए सीता नवमी का पर्व बेहद खास होता है। ग्रंथों और वेदों के अनुसार, माता सीता का जन्म इसी शुभ दिन पर हुआ था। सीता नवमी को लोग जानकी नवमी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन को भक्त बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। यह पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 16 मई, 2024 यानी की आज मनाया जाएगा।
वहीं, इस शुभ अवसर पर श्री जानकी स्तुति से मां की पूजा करने से उनका परम आशीर्वाद मिलता है, इसलिए आज के दिन इसका पाठ जरूर करें, जो इस प्रकार है –

।।श्री जानकी स्तुति:।।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।।1।।
दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम्।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम्।।2।।
भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम्।
पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम्।।3।।
पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम्।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम्।।4।।
आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम्।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम्।।5।।
नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम्।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम्।।6।।
पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्ष:स्थलालयाम्।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम्।।7।।
आह्लादरूपिणीं सिद्धिं शिवां शिवकरीं सतीम्।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम्।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा।।8।।
।।मां सीता की आरती।।
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमिरत काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

Related Articles

Back to top button