Vitamin D Deficiency: क्यों शरीर में विटामिन डी का लेवल हो जाता है कमव् जानिए
Vitamin D Deficiency: व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों, विटामिन और खनिज की जरूरत होती है. किसी एक भी चीज की शरीर में कमी होने लगती है तो सेहत बिगड़ना शुरू हो जाती है. विटामिन डी भी ऐसा ही एक जरूरी विटामिन है जो सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है.
विटामिन डी की शरीर में कमी होती है कमजोरी, नींद की कमी, हड्डियों में दर्द, अवसाद, मसल्स में कमजोरी, भूख की कमी, त्वचा का पीला पड़ना या जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने जैसी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं. ऐसे में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) के लक्षण पहचानकर इस कमी को पूरा करने की कोशिश की जाती है.
इंस्टाग्राम पर डॉ. स्मिता भोइर पाटिल का अपना अकाउंट है. डॉ. स्मिता होमियोपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट हैं और अपने वीडियोज में अक्सर ही स्वास्थ्य संबंधी सलाह देती रहती हैं. ऐसे ही एक वीडियो में वे विटामिन डी के लेवल्स कम होने की वजह और इस कमी को पूरा करने के सुझाव दे रही हैं.
डॉ. स्मिता के अनुसार, विटामिन डी की कमी होने का पहला कारण है धूप में कम निकलना और ज्यादा समय कमरे में रहना. ऐसा इसलिए क्योंकि धूप (Sunlight) विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत है.
Vitamin D Deficiency: क्यों शरीर में विटामिन डी का लेवल हो जाता है कमव् जानिए
दूसरी वजह है डाइट में विटामिन डी से भरपूर फूड्स (Vitamin Rich Foods) को शामिल नहीं करना. जो लोग लो फैट डाइट लेते हैं या जिनकी डाइट में विटामिन डी नहीं होता उन्हें इस विटामिन की कमी हो सकती है. विटामन डी की कमी पूरी करने के लिए विटामिन डी के स्त्रोत खानपान का हिस्सा बनाए जा सकते हैं.
विटामिन डी की कमी का तीसरा कारण मालएब्जॉर्पशन हो सकता है जिसका मतलब है कि विटामिन डी से भरपूर फूड्स खाने पर भी शरीर इस विटामिन को नहीं सोख पाता है. इसकी वजह पेट संबंधी दिक्कतें या गैस्ट्रिक सर्जरी वगैरह हो सकती है.
इस तरह पूरी होगी विटामिन डी की कमी
शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए दिन में कम से कम 10 से 15 मिनट धूप लेनी जरूरी होती है. सूरज की धूप विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत होती है इसीलिए सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच धूप लेने को बेस्ट समय कहा जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि आप धूप से त्वचा को होने वाले डैमेज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना ना भूलें.
विटामिन डी से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करें. फैटी फिश जैसे साल्मन, मैकेरल और टूना के अलावा अंडे का पीला भाग, चीज विटामिन डी फॉर्टिफाइड फूड्स जैसे दूध या ऑरेंज जूस को डाइट में शामिल किया जा सकता है.
अगर डाइट या धूप से विटामिन डी नहीं मिलता है तो विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं. इसकी डोसेज डॉ. स्मिता के अनुसार बच्चों के लिए हर दिन 400-600 IU और बड़ों के लिए 800-2000 IU होनी चाहिए.